लव-कुश लीला: भाग 2 से भाग 3 तक की कथा | रामायण कुंजी

Ramayan February 28, 2025
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"रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की सांस्कृतिक विरासत और संस्कारों का महत्वपूर्ण आधार है। भगवान श्रीराम के मर्यादित आचरण और अन्य पात्रों के माध्यम से यह मनुष्य को धर्मानुसार अनुशासित जीवन जीने का संदेश देता है। Ramayan is not just a religious text but a cornerstone of Sanatan Dharma's cultural heritage and values. Through the dignified conduct of Lord Ram and other characters like Mata Sita, Laksman, Hanuman ji and others, it imparts lessons on living a disciplined and righteous life. Ramanand Sagar’s Ramayan brought these characters to life in a way that has touched the hearts of millions. Ramanand Sagar's Ramayan is humbly presented to millions of Prabhu Sri Ram's devotees on this channel by Tilak. Tilak is a collection of content that showcases India's greatest mythological sagas and renditions of the finest devotional music, mantras and aartis. Tilak has worldwide exclusive rights to the series . ©All Rights Reserved. Graceland New Media LLP #ramayan

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अश्वमेध यज्ञ की तैयारी शुरू कर दी जाती है, ऋषि वसिष्ठ लक्ष्मण को सभी आमंत्रित अतिथियों के लिए सब तरह की सुविधाएँ तैयार करने को आदेश देते हैं। महाऋषि वाल्मीकि माता सीता के साथ अनुशठान करने के लिए जाने से पहले लव कुश को आश्रम की सुरक्षा का दायित्व देते हैं। श्रीराम नदी से यज्ञ के लिए जल लेने के लिए जाते हैं। अश्वमेध यज्ञ शुरू हो जाता है। श्री राम माता सीता की स्वर्ण मूर्ति के बैठकर यज्ञ शुरू कर देते हैं। अश्वमेध यज्ञ के अश्व पूजा अर्चना करके चरो दिशाओं में घूमने के लिए भेज दिया जाता है और शत्रुघन को अश्व की सुरक्षा के लिए साथ भेज देते हैं। शत्रुघन अश्व के साथ सभी दिशाओं में घूमने और श्रीराम के नाम का परचम लहराने के लिए निकल पड़ते हैं। रस्ते में जो भी राज्य का राजा मिलता है वह उनके सामने मस्तक झुका कर समर्पण कर देता है। राजा श्रीराम का दूत उन्हें बताता है की सभी दिशाओं में घूमने के बाद अश्वमेध का अश्व वापस अपने राज्य की सीमा में लौट आते हैं। लव अश्वमेध के अश्व को देख कर मोहित हो जाते हैं और उसे पकड़ लेते हैं। सेना अश्व को लेने के लिए लव कुश के पीछे भागते हैं और जब वो लव से अश्व को आज़ाद करने की बात करते हैं तो लव मना कर देता है और उन्हें कहता है की श्री राम को बात दो की मैं युद्ध की चुनौती स्वीकार करता हूँ। लव श्री राम की सेना के साथ युद्ध शुरू का देता हैं और लव सेनापति को मूर्छित कर देता है। सेनापति के मूर्छित होते ही शत्रुघन लव कुश के सामने चले जाते हैं। शत्रुघन उन्हें बहुत समझाते हैं परंतु लव कुश अश्व को छोड़ने से मना कर देते हैं और श्री राम से युद्ध के लिए ज़िद्द पर अड़ जाते हैं, शत्रुघन और लव कुश के बीच युद्ध शुरू हो जाता है। लव शत्रुघन की सेना और शत्रुघन को युद्ध में हरा देता हैं और उन्हें घायल कर देता हैं। शत्रुघन के घायल होने के समाचार को सुन भरत लक्ष्मण श्री राम के पास जाते हैं और उन्हें सब कुछ बताते हैं। लक्ष्मण राम से आज्ञा लेकर लव कुश से युद्ध करने जाते हैं। लक्ष्मण लव कुश के सामने जाते हैं और उनसे अश्व को छोड़ने के लिए समझाते हैं परंतु वो नहीं मानते और लक्ष्मण को युद्ध की चुनौती देते हैं। लव कुश और लक्ष्मण में युद्ध शुरू हो जाता है। कुश लक्ष्मण को घायल कर देते हैं। लक्ष्मण के घायल होने की खबर सुन भरत, हनुमान और वानर राज सुग्रीव श्री राम से आज्ञा ले लव कुश से युद्ध करने जाते हैं। वहाँ पहुँचने पर हनुमान जान लेते हैं की ये श्री राम और माता सीता के पुत्र हैं। हनुमान लव कुश को बहुत समझाते हैं परंतु लव कुश नहीं मानते और श्री राम को बुलाने की ज़िद्द पर अड़ जाते हैं। भरत लव कुश के बीच युद्ध शुरू हो जाता है। कुश हनुमान जी को अपनी शक्ति से बांध देते हैं और भरत और सुग्रीव को घायल कर देते हैं। ये समाचार पाकर श्री राम लव कुश से युद्ध करने चल पड़ते हैं। श्रीराम लव कुश को अश्व लौटाने के लिए समझाते हैं। लव कुश श्रीराम के समझाने के बावजूद नहीं समझते और श्री राम को युद्ध के लिए ललकारते हैं। परंतु ऋषि वाल्मीकि उन्हें आकर रोक देते हैं और लव कुश और श्री राम को युद्ध ना करने के लिए समझाते हैं। लव कुश ऋषि वाल्मीकि को अश्व पकड़ने का कारण पूछते हैं। कुश श्री राम से सीता माता का त्याग क्यों किया ये प्रश्न श्री राम से पूछते हैं जिसका श्री राम उन्हें जवाब देते हैं। ऋषि वाल्मीकि के कहने पर लव कुश अश्व को छोड़ देते हैं और सभी को मुर्छा से मुक्त कर देते हैं। माता सीता को जब इस सब बात का पता चला तो वे लव कुश पर क्रोधित होती हैं और उन्हें बता देती हैं की वो उनके पिता हैं। लव कुश माता सीता पर हुए अत्याचार पर गीत गाकर अयोध्या की प्रजा से सवाल पूछते हैं। उनके गीत को सुनकर प्रजा के कुछ लोगों को दुःख भी होता है। उनका गीत सुनकर श्री राम दोनों भाइयों लव कुश को अपने पास बुलाते हैं। श्री राम लव कुश को राजसभा में आकर रामायण का अपने गीत में वर्णन करने के लिए कहते हैं। लव कुश राज सभा में आते हैं राजा श्रीराम उनका आदर सत्कार करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं को वो अपने गुरु की रचित कथा को राजसभा में सबको सुनाए। लव कुश माता सीता पर हुए अत्याचार पर गीत गाकर अयोध्या की प्रजा से सवाल पूछते हैं। उनके गीत को सुनकर प्रजा के कुछ लोगों को दुःख भी होता है। उनका गीत सुनकर श्री राम दोनों भाइयों लव कुश को अपने पास बुलाते हैं। श्री राम लव कुश को राजसभा में आकर रामायण का अपने गीत में वर्णन करने के लिए कहते हैं। लव कुश राज सभा में आते हैं राजा श्रीराम उनका आदर सत्कार करते हैं और उनसे प्रार्थन करते हैं को वो अपने गुरु की रचित कथा को राजसभा में सबको सुनाए। लव कुश श्री राम को राम कथा के माध्यम से बताते हैं की हवो दोनो उनके पुत्र हैं। श्री राम लव कुश से इसका प्रमाण माँगते हैं। इस पर प्रजा में दो पक्ष हो जाते हैं कुछ माता सोता को वापस लाना चाहते हैं तो कुछ उनसे प्रमाण माँगते हैं। ऋषि वसिश्त श्री राम से इसका निर्णय लेने के लिए कहते हैं। श्री राम माता सीता को पवित्र बताती है परंतु माता सीता को सबके सामने अपने पवित्र होने की शपत लेनी होगी। महाऋषि वाल्मीकि सीता को राजसभा में जाकर शपत लेने के लिए कहते हैं ताकि प्रजा में जो अपवाद है वह समाप्त हो जाएगा। अगले दिन माता सीता और लव कुश राजसभा में ऋषि वाल्मीकि के साथ पहुँच जाते हैं। ऋषि वाल्मीकि प्रमाणित करते हैं की लव कुश राजा श्री राम के ही पुत्र हैं। ऋषि वाल्मीकि के प्रमाण के बाद श्रीराम मान लेते हैं परंतु माता सीता से इस बात को सभा में कहने के लिए कहते हैं ताकि सभी प्रजा गण को यक़ीन हो सके। माता सीता आगे बढ़कर सबके सामने कहती है की यदि में पतिव्रता हूँ तो पृथ्वी देवी मुझे अपनी गोद में स्थान दे। जिस पर पृथ्वी देवी प्रकट होकर माता सीता को साथ ले जाने आजाती हैं। माता सोता का पृथ्वी देवी के साथ चली जाती हैं। श्री राम उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं परंतु वो पृथ्वी में समा जाती हैं। #shreeram #ramayan #ramayantvseries

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